Video: नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर का दावा- वैक्सीनेशन के कारण ही उत्पन्न हो रहे कोरोना के नए वेरिएंट

अप्रैल महीने में भी RAIR की एक रिपोर्ट में प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर (Luc Montagnier) ने एक और बड़ा दावा किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस को एक लैब में उत्पन्न किया गया है.

  • Updated On - 5:13 pm, Thu, 20 May 21 Edited By: शिल्पा
Video: नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर का दावा- वैक्सीनेशन के कारण ही उत्पन्न हो रहे कोरोना के नए वेरिएंट
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर

Luc Montagnier Said Vaccination Creating Variants: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खातमे के लिए टीकाकरण किया जा रहा है, लेकिन वायरस के नए वेरिएंट्स ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. अब इन नए वेरिएंट को लेकर ही नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर (Prof. Luc Montagnier) ने बड़े दावे किए हैं. उन्होंने कोविड टीकाकरण को ही नए वेरिएंट के उत्पन्न होने के पीछे का कारण बताया है. साथ ही कहा है कि महामारी विज्ञानियों को इस घटना के बारे में पता है लेकिन फिर भी वो ‘चुप’ हैं. इस घटना को ‘एंटीबॉडी-डिपेंडेंट एनहैंसमेंट’ (एडीई) कहा जाता है.

ल्यूक मॉन्टैग्नियर 2008 के नोबेल पुरस्कार विजेता होने के साथ ही फ्रांस के वायरोलॉजिस्ट भी हैं. उनका कहना है, ‘ये टीकाकरण ही है, जिसके कारण वेरिएंट उत्पन्न हो रहे हैं.’ मॉन्टैग्नियर ने ये बड़े खुलासे इस महीने के शुरुआत में दिए एक साक्षात्कार में किए हैं (Prof. Luc Montagnier on Covid Variants). ये लंबा साक्षात्कार पियरे बर्नेरियास ने होल्ड-अप मीडिया पर लिया है. इसी क्लिप को अमेरिका के आरएआईआर फाउंडेशन ने विशेष तौर पर ट्रांसलेट किया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसपर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

‘वैज्ञानिक और मेडिकल गलती’

वीडियो में देखा जा सकता है कि मॉन्टैग्नियर से सवाल पूछा जाता है कि टीकाकरण शुरू होने से बाद से जनवरी से नए मामले और मौत के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं, खासतौर पर युवाओं में. तो इसपर आप क्या कहते हैं? इसके जवाब में मॉन्टैग्नियर ने कहा, ‘यह एक ऐसी वैज्ञानिक, मेडिकल गलती है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता (Montagnier on Covid Variants). इसे इतिहास में दिखाया जाएगा क्योंकि टीकाकरण ही नए वेरिएंट उत्पन्न कर रहा है. चीनी वायरस के लिए एंटीबॉडी हैं, जो वैक्सीन से आती हैं. तो वायरस क्या करता है? मर जाता है? या कोई और रास्त ढूंढता है?’

वेरिएंट टीकाकरण का परिणाम

वह आगे कहते हैं, ‘तब नए तरह के वेरिएंट उत्पन्न होते हैं और ये टीकाकरण का परिणाम है. आप देख सकते हैं, ये हर देश में एक जैसा ही है. टीकाकरण का ग्राफ मौत के ग्राफ के साथ चल रहा है (Vaccination Creates Variants). मैं करीबी से इसका अनुसरण कर रहा हूं और मैं संस्थानों में मरीजों के साथ प्रयोग कर रहा हूं. जो वैक्सीन लगने के बाद संक्रमित हुए हैं. इससे पता चलता है कि वो ऐसे वेरिएंट बना रहे हैं, जिनपर वैक्सीन कम प्रभावी है.’

पहले भी किया था बड़ा दावा

बीते साल अप्रैल महीने में भी RAIR की एक रिपोर्ट में प्रोफेसर मॉन्टैग्नियर ने एक और बड़ा दावा किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस को एक लैब में उत्पन्न किया गया है. उस समय उनके इन दावों का मुख्यतौर पर वामपंथियों ने विरोध किया था. तब मॉन्टैग्नियर की बातों का समर्थन करने वालों ने कहा कि उन्हें उनके बयान के कारण बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन बाद में फिर कई अन्य वैज्ञानिकों ने भी कहा कि वायरस चीन के वुहान की एक लैब में ही बनाया गया है. जिसकी जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम भी वुहान गई थी.

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