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Wednesday, February 10, 2021

Election update-चुनाव आयोग ने तैयारी कर लिया प्रधान सेवक का समय

प्रारब्ध न्यूज़ ब्यूरो, लखनऊ 

उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव के लिए तिथियां घोषित कर दी हैं योगी सरकार ने वर्ष 2015 में अखिलेश यादव की सरकार में बनाए गए नियमों में भी व्यापक फेरबदल किया है। बदले नियमों के मुताबिक इस बार ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।

चुनाव के खत्म होने के बाद ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव करा लिए जाएंगे। यानी जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को 2015 में अखिलेश यादव की सरकार में दो चरणों में चुना गया था जबकि इस बार चुनाव एक ही चरण में होगा।

उत्तर प्रदेश में 2015 में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सपा सरकार (SP Government) के समय हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) की कई व्यवस्थाओं में योगी सरकार (Yogi Government) ने परिवर्तन कर दिया है।

आरक्षण (Reservation) तय करने में तो आमूल-चूल परिवर्तन होने की संभावना है ही, इसके साथ ही चुनाव कराने की प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव किया गया है। इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अलग-अलग पदों के हिसाब से अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ कराए जाएंगे।

2015 में अखिलेश सरकार में सभी 6 पदों के लिए तीन अलग-अलग चुनाव कराए गए थे लेकिन इस बार योगी सरकार में सिर्फ दो बार में ही सभी 6 पदों के चुनाव करा लिए जाएंगे।

अखिलेश सरकार में क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव पहले कराए गए थे।इसके बाद ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव कराए गए थे। इन दोनों चुनाव के निपट जाने के बाद ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव कराए गए थे लेकिन इस बार योगी सरकार ने इस में बड़ा बदलाव किया है।

हर जिले में 4 चरणों में पड़ेंगे वोट

प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 4 चरणों में वोटिंग होगी। किसी जिले की कुल सीटों को चार बराबर भागों में बांटा जाएगा और चार अलग-अलग तारीखों पर वोट पड़ेंगे। पूरे प्रदेश में सभी जिलों की एक चौथाई सीटों पर एक साथ वोटिंग होगी। यानी इस बार हर मतदाता को चार बैलेट पेपर मिलेंगे।

 उसे एक साथ चारों पदों पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह पर मुहर लगानी होगी। मतदाताओं की सहूलियत के लिए व्यवस्था यह की गई है कि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के लिए वोटिंग एक बूथ पर और क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के लिए वोटिंग अलग बूथ पर होगी।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद बढ़ा दबाव

हाईकोर्ट द्वारा चुनाव खत्म करने की समय-सीमा तय किए जाने के बाद सरकार के सामने चुनाव जल्द से जल्द कराने की चुनौती है। इसीलिए दो अलग-अलग तारीखों के बजाय एक ही तारीख पर सभी पदों के लिए चुनाव कराये जाने का निर्णय लिया गया है.

हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक 30 अप्रैल तक ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव सरकार को करा लेने हैं। 15 मई तक ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव कराने हैं।

 अगले 1 से 2 दिनों में आरक्षण तय करने का शासनादेश जारी हो जाएगा। शासनादेश जारी होने के 1 महीने के भीतर सभी सीटों पर आरक्षण तय कर लिया जाएगा। उसके बाद किसी भी समय राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के 45 दिनों के भीतर चुनाव खत्म कर लिया जाएगा।

कब और कहां होंगे चुनाव 

पहला चरण(11 अप्रैल) -सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर

दूसरा चरण(18 अप्रैल)- नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी

तीसरा चरण(23 अप्रैल) -मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत

चौथा चरण(29 अप्रैल) -शाहजहांपुर, खीरी, हरदोई, मिश्रिक, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी, हमीरपुर

पांचवा चरण (6 मई)- धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौसांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज, गोंडा

छठा चरण (12 मई) -सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीरनगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही

सातवां चरण (19 मई) -महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, राबर्टसगंज

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